रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मुंबई पर लगी पाबंदियों में थोड़ी ढील दी है। अब बैंक के ग्राहक 27 फरवरी 2025 से अपने खातों से ₹25,000 तक निकाल सकेंगे। यह फैसला बैंक की तरलता (liquidity) की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया गया है।
इससे 50% से ज़्यादा जमाकर्ता अपनी पूरी राशि निकाल पाएंगे। जिनका बैलेंस ₹25,000 से कम है, वे अपनी पूरी रकम निकाल सकते हैं, जबकि बाकी ग्राहकों के लिए अधिकतम निकासी सीमा ₹25,000 तय की गई है।
क्या था मामला?
13 फरवरी 2025 को RBI ने बैंक की खराब वित्तीय स्थिति के कारण सख्त पाबंदियां लगाई थीं। इसके तहत ग्राहकों को बैंक से कोई भी पैसा निकालने की अनुमति नहीं थी। अगले ही दिन, RBI ने बैंक का पूरा नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया और बोर्ड को भंग कर एक एडमिनिस्ट्रेटर और एडवाइज़री कमेटी नियुक्त की।
ग्राहकों के लिए क्या मायने रखता है?
- जिन ग्राहकों की बैंक में जमा राशि ₹5 लाख से कम है, वे DICGC बीमा योजना के तहत सुरक्षित हैं। अगर बैंक डूबता है तो उन्हें 90 दिनों के भीतर ₹5 लाख तक की राशि वापस मिल सकती है।
- बैंक को फिलहाल नए लोन देने पर भी रोक लगी हुई है और इसके भविष्य को लेकर अभी स्पष्टता नहीं है।
- RBI इमरजेंसी जरूरतों के लिए निकासी योजना पर भी विचार कर रहा है, जिससे मेडिकल या अन्य जरूरी खर्चों के लिए विशेष निकासी संभव हो सके।

घोटाले का कनेक्शन – बैंक से ₹122 करोड़ की हेराफेरी
इस मामले में बैंक के जनरल मैनेजर और हेड ऑफ अकाउंट्स, हितेश मेहता को 17 फरवरी को गिरफ्तार किया गया। उन पर ₹122 करोड़ की हेराफेरी का आरोप है। पुलिस जांच में पता चला कि उन्होंने ₹70 करोड़ कांडिवली के एक स्लम रिहैबिलिटेशन प्रोजेक्ट (SRA) में लगा दिए।
इस मामले में बिल्डर धर्मेश पौन भी गिरफ्तार हो चुके हैं, और दोनों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। इस घोटाले की शिकायत बैंक के कार्यकारी सीईओ देवरशी घोष ने दादर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। इसके बाद मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दिया गया।
क्या आगे होगा?
- जांच जारी है, और हो सकता है कि बैंक की और गड़बड़ियां सामने आएं।
- RBI आगे की रणनीति तैयार कर रहा है, जिससे ग्राहकों को ज्यादा राहत मिल सके।
- बैंक को चलाने के लिए नया प्लान लाया जा सकता है, या फिर इसे किसी दूसरी संस्था के साथ मर्ज करने का विकल्प भी खुला है।




