नई दिल्ली में गुरुवार को, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों द्वारा कर्ज देने के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए। अब से, बैंकों के लिए अपने ग्राहकों को कर्ज की पूरी ब्याज दर, प्रक्रिया शुल्क, और अन्य जरूरी शर्तों के मुख्य विवरण (Key Fact Statement – KFS) प्रदान करना अनिवार्य होगा। इस कदम से बैंकिंग प्रणाली में अधिक पारदर्शिता आएगी और बैंकों द्वारा मनमाने शुल्क वसूलने पर लगाम लगेगी। 💸🔍

 

Loan ग्राहकों को मिलेगी पूर्ण जानकारी

RBI के इस नए दिशा-निर्देश के अनुसार, बैंकों को कर्ज से जुड़े सभी शुल्कों का विस्तृत विवरण ग्राहकों को उपलब्ध कराना होगा। इसमें कर्ज के प्रकार, ब्याज दर के फिक्स या फ्लोटिंग होने की जानकारी, प्रक्रिया शुल्क, भुगतान के तरीके, समय पूर्व भुगतान शुल्क, विलंब शुल्क, और विवाद निपटान फीस आदि शामिल होंगे। यह ग्राहकों को कर्ज संबंधित प्रक्रियाओं को बेहतर समझने में मदद करेगा। 📝💡

मौद्रिक नीति समीक्षा समिति की बैठक में फैसला

यह निर्णय मौद्रिक नीति समीक्षा समिति की बैठक के बाद सार्वजनिक किया गया। RBI का यह कदम बैंकिंग क्षेत्र में ग्राहक सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे पहले, कई बार ग्राहकों ने बैंकों द्वारा कर्ज के लिए मनमाने शुल्क वसूलने की शिकायतें की थीं। नए नियमों के तहत, बैंकों को अब ग्राहकों को एक स्पष्ट और पारदर्शी तरीके से शुल्कों का विवरण प्रदान करना होगा, जिससे ग्राहकों के हितों की रक्षा होगी।

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