वैश्विक स्तर पर बैंकों के गिरने की वजह से शुरू होने वाले बड़े क्राइसिस को देखते हुए भारत के रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भारतीय बैंकों के लिए नया रणनीति तैयार कर लिया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर mr.das ने इसकी जानकारी देते हुए कई खुलासे किए हैं.
RBI रखेगा बैंकों पर ज्यादा ध्यान.
शशिकांत दास ने बताया कि भारतीय बैंकों के बिजनेस मॉडल के ऊपर अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया नए तरीके से निगरानी रखेगी ताकि मुनाफा के लिए बैंकों के द्वारा अपनाए जा रहे बिजनेस मॉडल में किसी भी प्रकार की खामियों से बैंक में पैसे रखने वाले ग्राहकों को नुकसान न उठाना पड़े.
गलत बिजनेस मॉडल के वजह से संकट में आई बैंकिंग दुनिया.
अमेरिका में 2 बड़े बैंकों के संकट में आने की मुख्य वजह उनके गलत बिजनेस मॉडल को माना गया है जिसके वजह से करोड़ों लोगों के और ₹2 के डिपॉजिट संकट में आ गए और इस पूरे मामले ने वैश्विक स्तर पर बैंकिंग क्षेत्र में नया संकट ला दिया. अमेरिका में आईएस बैंकिंग संकट से भारत भी अछूता नहीं रहा और कई दफा शेयर मार्केट लाल निशान में इसके वजह से बंद हुआ और भारतीय निवेशकों के भी अरबों रुपए डूबे.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करेगा बैंकों का ऑडिट.
भारतीय बैंकों को ज्यादा सुरक्षित रखने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बैंकों के बिजनेस मॉडल का ऑडिट करेगा और किसी भी प्रकार की खामी आने पर उस पर कार्यवाही करेगा.
भारतीय बैंकों में किस प्रकार है पैसे सुरक्षित.
अगर आप भी अपने किसी भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा पंजीकृत बैंक में अकाउंट रखते हैं तो ध्यान रखें कि डिपॉजिट गारंटी स्कीम योजना के तहत आपका ₹500000 तक की राशि सुरक्षित है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बैंक आपका सरकारी है या प्राइवेट डूबने की स्थिति में आपके अधिकतम ₹500000 रिकवर किए जा सकते हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के जानकारी के अनुसार भारत के एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सबसे बड़े और सुरक्षित बैंकों में से एक हैं और इन्हें आरबीआई ने too big too fall श्रेणी में रखा है.
अगर किसी कारणवश इन बैंकों में किसी भी प्रकार का संकट आता है तो ऐसी स्थिति में यह संकट पूरे देश को आर्थिक संकट की ओर धकेल सकती है. आपको बताते चलें कि एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड एक दूसरे में भी लाए हो रहे हैं इसे एचडीएफसी बैंक और बड़ा बैंक होगा और इसमें पैसे रखने वाले लोगों के पैसे और ज्यादा सुरक्षित होंगे.