आइये, आज हम भारत के नागरिकों के लिए उपलब्ध विभिन्न इन्वेस्टमेंट विकल्पों का रुख़ करते हैं। आज के बढ़ते महंगाई के दौर में, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने पैसों की परचेसिंग पावर को महंगाई दर के साथ संतुलित रखें। बहुत से इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस उपलब्ध हैं, जैसे कि बैंक के Fixed Deposits (FD), Post Office Savings, National Saving Certificate (NSC), Kisan Vikas Patra (KVP), Chit Funds, Endowment Plans, Public Provident Fund (PPF), Sukanya Samriddhi Yojana (SSY), National Pension Scheme (NPS), Sovereign Gold Bonds (SGB), Mutual Funds (MF), RBI Bonds, Alternate Investment Funds (AIF), Direct Stock Investing, Real Estate (RE), Angel Investing आदि।
एक दम कम रिस्क और मैच्युरिटी पर ले सकेंगे पैसे
प्रत्येक निवेशक के लिए उपयुक्त इन्वेस्टमेंट विकल्प चुनने के लिए उनके रिस्क प्रोफाइल का आकलन महत्वपूर्ण होता है। उदाहरण के लिए, कम रिस्क पसंद करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए Fixed Deposits, Post Office Savings Schemes, NSC, KVP, PPF, NPS, SGB, और RBI Bonds जैसे विकल्प उपयुक्त हो सकते हैं। इन स्कीम्स में निवेश करने पर, इन्वेस्टर्स अपने पैसे को मेच्योरिटी पीरियड के बाद इंटरेस्ट सहित वापस प्राप्त कर सकते हैं।
जैसे, FD जिसकी मेच्योरिटी पीरियड 3 साल होती है, मेच्योर होने पर इन्वेस्टर के अकाउंट में इंटरेस्ट सहित जमा राशि क्रेडिट की जाती है। वहीं, PPF में 15 साल की लॉकिंग पीरियड होती है और इसकी इंटरेस्ट रेट प्रतिवर्ष भारत सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। NPS में निवेश करने पर, इन्वेस्टर 60 वर्ष की आयु पर 60% पूंजी को एकमुश्त निकाल सकते हैं, जो कि पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है, और शेष 40% को किसी पेंशन प्लान में निवेशित करना होता है।
इन सभी इन्वेस्टमेंट ऑप्शन्स पर प्राप्त होने वाला रिटर्न सामान्यतः 5 से 8% सालाना हो सकता है। इसलिए, निवेश करने से पहले अपने रिस्क टॉलरेंस, इन्वेस्टमेंट गोल्स और अपेक्षित रिटर्न्स पर विचार करें।