राजस्थान के हनुमानगढ़ में प्रस्तावित 450 करोड़ रुपये की इथेनॉल फैक्ट्री को लेकर किसानों का विरोध बुधवार को हिंसा में बदल गया। राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन प्लांट की दीवार तोड़ने की कोशिश के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में जोरदार भिड़ंत हो गई। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसके बाद पथराव, आगजनी और भगदड़ जैसे दृश्य सामने आए।
दर्जनभर घायल, पुलिसकर्मी और कांग्रेस विधायक भी जख्मी
टकराव में कम से कम 12 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 5 पुलिसकर्मी और कांग्रेस के विधायक अभिमन्यु पूनिया शामिल हैं। विधायक को गंभीर चोटों के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हनुमानगढ़ SP हरि शंकर ने बताया—
“महापंचायत के बाद कुछ लोग फैक्ट्री की ओर बढ़े और दीवार को तोड़ने लगे। स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख बल प्रयोग किया गया। अब तक 7 लोगों को हिरासत में लिया गया है।”

आगजनी और पथराव से तनाव बढ़ा
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और प्रशासन के वाहनों में आग लगा दी। पुलिस पर तीव्र पथराव हुआ, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की।
बवाल की शुरुआत तब हुई जब किसानों ने SDO ऑफिस के सामने सभा के बाद ट्रैक्टर से प्लांट की दीवार गिरा दी। इसके बाद भीड़ उग्र हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो उठा।
किसानों का दावा: प्लांट से बढ़ेगा प्रदूषण
किसान संगठन इथेनॉल प्लांट का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्लांट शुरू होने के बाद—
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क्षेत्र में पानी और हवा प्रदूषण बढ़ेगा
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खेती प्रभावित होगी
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गांवों की सेहत पर बड़ा असर पड़ेगा
प्रशासन ने प्लांट के निर्माण कार्य को सुरक्षा घेरा देकर जारी रखने की कोशिश की थी, लेकिन बुधवार को विरोध अचानक हिंसक रूप ले गया।
इंटरनेट बंद, स्कूल-बाज़ार बंद, धारा 144 लागू
स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं—
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तिब्बी और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद
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स्कूल और दुकानें आदेश तक बंद
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धारा 144 लागू, किसी भी तरह की भीड़ पर रोक
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अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर तैनात
तनाव कम करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन इलाके में अभी भी हालात संवेदनशील बने हुए हैं।




