अडानी ग्रीन एनर्जी (AGEL) ने राजस्थान में अपने सोलर-विंड हाइब्रिड (सौर और पवन ऊर्जा के मिश्रण) वाले प्रोजेक्ट के लिए 1.06 अरब डॉलर (करीब 8,800 करोड़ रुपये) के कर्ज को लॉन्ग-टर्म फाइनेंसिंग में बदल दिया है।
ये हुआ क्या है?
2021 में अडानी ग्रीन ने 1.06 अरब डॉलर का लोन लिया था, जिससे उसने भारत का सबसे बड़ा सोलर-विंड हाइब्रिड एनर्जी प्रोजेक्ट बनाया। अब इस कर्ज को नए तरीके से फाइनेंस किया गया है, ताकि कंपनी को लंबी अवधि तक आसान शर्तों पर कर्ज मिले और उसे जल्दी चुकाने का दबाव न रहे।
नई फाइनेंसिंग की खास बातें:
- लोन देने वाली कंपनी: पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन
- कर्ज की नई अवधि: 19 साल
- ऋण चुकाने का औसत समय: 10.5 साल
- ब्याज दर: करीब 9.2% (अगर कंपनी को अच्छी रेटिंग मिली तो इसमें 0.25% की कटौती हो सकती है)
अडानी ग्रीन की मौजूदा स्थिति
अडानी ग्रीन एनर्जी भारत की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी है। इसके पास 12.2 गीगावॉट (GW) की बिजली उत्पादन क्षमता है, जो पूरे देश में फैली हुई है।
इसका ब्रेकअप:
सौर ऊर्जा (सोलर): 8,347.5 मेगावॉट
पवन ऊर्जा (विंड): 1,651 मेगावॉट
सोलर-विंड हाइब्रिड: 2,259.6 मेगावॉट
अडानी ग्रीन का भविष्य का प्लान:
कंपनी ने 2030 तक अपनी उत्पादन क्षमता 50 GW तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
इस फाइनेंसिंग का फायदा क्या होगा?
- कर्ज का दबाव कम होगा: कंपनी को तुरंत लोन चुकाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि इसे 19 साल का समय मिल गया है।
- बिजली उत्पादन पर फोकस बढ़ेगा: अडानी ग्रीन अब नई परियोजनाओं पर ध्यान दे पाएगी।
- कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी: इस लोन को AA+ (स्टेबल) रेटिंग मिली है, जो दर्शाता है कि कंपनी की आर्थिक सेहत अच्छी है।
कुल मिलाकर:
अडानी ग्रीन ने अपने कर्ज को लंबी अवधि के लिए फाइनेंस कर लिया है, जिससे कंपनी को आर्थिक रूप से फायदा होगा और वह आगे चलकर भारत के रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में और बड़ी भूमिका निभा सकेगी। निवेशकों को ADANIGREEN के शेयर पर भरपूर नज़र रखना चाहिए. काम बढ़ने और प्रोडक्शन बढ़ने के साथ शेयर 1 साल में 55% प्रतिशत तक भाग सकते हैं.
Adani Green के शेयर कुछ इस प्रकार कर सकते हैं फ्यूचर में कमाल.
Year | Minimum Price Target (₹) | Maximum Price Target (₹) |
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2025 | 1,500 | 3,160 |
2026 | 1,800 | 4,230 |
2027 | 2,930 | 5,360 |
2028 | 3,250 | 6,510 |
2029 | 4,423 | 7,560 |
2030 | 5,550 | 8,840 |