दक्षिण दिल्ली के पॉश वसंत कुंज इलाके स्थित एक प्रमुख आश्रम श्री श्रींगेरी मठ के प्रमुख स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती पर 15 से अधिक महिलाओं के साथ यौन शोषण का आरोप लगा है। इसके बाद से स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती आश्रम से फरार है पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। श्री श्रींगेरी मठ प्रशासन ने स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती को निदेशक पद से हटा दिया है और पुलिस ने उन्हें देश छोड़कर भागने से रोकने के लिए लुक-आउट नोटिस जारी किया है।
कौन है चैतन्यनंद सरस्वती
चैतन्यनंद सरस्वती का पुराना नाम स्वामी पार्थसारथी था। पहली बार इस पर कोई आरोप नहीं लगे हैं। इससे पहले भी 2009 में डिफेंस कॉलोनी में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ था और 2016 में वसंत कुंज में भी एक महिला ने उसके खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत की थी। पुलिस के अनुसार, ओडिशा के रहने वाला चैतन्यनंद सरस्वती पिछले 12 वर्षों से आश्रम में रह रहा था और संचालक व देखरेख करने वाले की भूमिका निभा रहा था।
आश्रम प्रशासन ने एक बयान में कहा, “स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती, जो पहले स्वामी पार्थसारथी के नाम से जाने जाते थे। इस शख्स ने अवैध और अनुचित गतिविधियों में लिप्त होकर मठ की मर्यादा का उल्लंघन किया है। इसके परिणामस्वरूप पीठ ने उनसे सभी संबंध तोड़ दिए हैं और संबंधित अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई है।”
32 महिला छात्रों ने दर्ज किए बयान
चैतन्यनंद सरस्वती के खिलाफ शिकायत करने वाली वे महिलाएं शामिल हैं जो श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्रवृत्ति पर पीजीडीएम कोर्स कर रही थीं, जहां आरोपी निदेशक के पद पर कार्यरत था। जांच के दौरान 32 महिला छात्रों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें से 17 ने आरोप लगाया कि स्वामी ने गाली-गलौच की, अश्लील व्हाट्सऐप और टेक्स्ट संदेश भेजे और अवांछित शारीरिक संपर्क किया। कई महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि स्वामी ने उन्हें ब्लैकमेल और धमकी दी तथा तीन महिला फैकल्टी और प्रशासकों ने उन पर दबाव बनाया कि वे स्वामी की मांगों को मानें।
पुलिस ने इन तीन महिलाओं से पूछताछ की है लेकिन उनका पूरा रोल स्वामी के पकड़े जाने के बाद ही स्पष्ट होगा। शिकायतकर्ताओं के फोन की फॉरेंसिक जांच कराई गई है क्योंकि आरोपी ने उन्हें मैसेज डिलीट करने के लिए मजबूर किया था।
आरोपी के ठिकानों पर छापेमारी
इस बीच सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और घटना स्थल तथा आरोपी के ठिकानों पर कई छापेमारियां की गईं। पुलिस ने हार्ड डिस्क और वीडियो रिकॉर्डर जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे हैं। जांच के दौरान श्री शारदा इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में एक वोल्वो कार मिली, जिस पर नकली यूएन नंबर प्लेट लगी हुई थी। जांच में सामने आया कि यह कार स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती द्वारा उपयोग की जा रही थी। पुलिस ने अन्य नकली डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट भी बरामद किए हैं और यह जांच की जा रही है कि आरोपी ने इन्हें कैसे हासिल किया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी का अंतिम लोकेशन आगरा में ट्रैक किया गया था, लेकिन वह लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा है और मोबाइल फोन का बहुत कम इस्तेमाल कर रहा है। दिल्ली पुलिस की टीमें उसे पकड़ने के लिए बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में छापेमारी कर रही हैं।




