भारत सरकार ने फैसला किया है कि अब खुदरा महंगाई (Retail Inflation) की गणना के लिए Amazon, Flipkart, Swiggy, Zomato, Netflix और Jio Hotstar जैसे ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से सीधे कीमतों का डेटा लिया जाएगा।
क्यों ज़रूरी?
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अभी तक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) ज़्यादातर ऑफलाइन दुकानों और परंपरागत खपत पर आधारित था।
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लेकिन अब भारतीयों का ऑनलाइन ख़र्चा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। 2024 में 27 करोड़ लोग ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे थे और यह आँकड़ा हर साल 22% की दर से बढ़ेगा।
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इसी वजह से मंत्रालय चाहता है कि ऑनलाइन कीमतें भी महंगाई की गणना में शामिल हों ताकि डेटा ज़्यादा सटीक और समय पर हो।
क्या बदलाव होंगे?
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12 बड़े शहरों से ई-कॉमर्स वेबसाइट्स की कीमतें ‘स्क्रैपिंग’ (स्वचालित तरीके से डेटा इकट्ठा करना) के ज़रिये ली जा रही हैं।
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कंपनियों से सीधे औसत साप्ताहिक कीमतें साझा करने के लिए भी कहा गया है।
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नया CPI सीरीज़ अगले साल की शुरुआत में लॉन्च होगा, जिसमें एयरफेयर और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग (जैसे Netflix, Jio Hotstar) के दाम भी शामिल होंगे।
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Household Consumption Survey से यह भी सामने आया है कि अब लोग अपने बजट का कम हिस्सा खाने पर और ज़्यादा हिस्सा अन्य चीज़ों (सर्विसेज़, डिजिटल खर्च) पर कर रहे हैं।
अन्य सांख्यिकीय सुधार:
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नई GDP सीरीज़ 2022-23 को आधार वर्ष मानकर जल्द आएगी।
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रोजगार सर्वे (Employment Survey) का सैंपल 45,000 से लगभग दोगुना कर दिया गया है ताकि मासिक आँकड़े ज़्यादा भरोसेमंद हों।
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सरकार एक नया Index of Services Production भी ला रही है, जो सर्विस सेक्टर की प्रगति को हर तिमाही मापेगा।




