भारत में अब सफर और भी तेज़ और आसान होने जा रहा है। रेल मंत्रालय ने 40 किलोमीटर लंबे हाइपरलूप ट्रेन टेस्ट ट्रैक को मंज़ूरी दे दी है। इसका मतलब है कि भारत भी अब उस तकनीक की ओर बढ़ रहा है, जिसमें ट्रेन गोल ट्यूब के अंदर हवा की रफ्तार से दौड़ेगी। अगर ये ट्रायल सफल होता है, तो आगे चलकर देशभर में हाइपरलूप ट्रेनें दौड़ सकती हैं।
IIT मद्रास और TuTr Hyperloop की जबरदस्त टीम
इस प्रोजेक्ट को IIT मद्रास और वहां के एक स्टार्टअप TuTr Hyperloop मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं। खास बात ये है कि TuTr Hyperloop अगले महीने दुनिया का पहला कमर्शियल (व्यावसायिक) हाइपरलूप प्रोजेक्ट भारत में शुरू करने वाला है। यानी भारत फिर एक बार दुनिया के सामने अपनी तकनीक और हुनर दिखाने जा रहा है।
बड़ी कंपनियां दे रही हैं साथ
हाइपरलूप प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने के लिए बड़ी कंपनियां भी साथ आ गई हैं। इनमें Larsen & Toubro, ArcelorMittal, Ansys और Dassault जैसी कंपनियां शामिल हैं। इनके जरिए इस प्रोजेक्ट को ताकत मिलेगी। इतना ही नहीं, TuTr Hyperloop की योजना है कि आगे चलकर माल ढुलाई (cargo) के लिए भी हाइपरलूप का इस्तेमाल किया जाए। इसमें स्पीड 600 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है! सोचिए, सामान कितनी जल्दी एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाएगा।
दुनिया भी देख रही है भारत की तरफ
भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी खबर बन गया है। अमेरिका, दुबई और बाकी देश भी हाइपरलूप तकनीक पर काम कर रहे हैं। अगर भारत में ये ट्रायल सफल हो जाता है, तो हमारी टेक्नोलॉजी की मिसाल पूरी दुनिया में दी जाएगी।