इन दिनों यूएई में भारत से आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में ये तो साफ है कि दोनों देशों के बीच यात्राएं समान्य होती जा रही है। वहीं इस मामले पर राजनयिक मिशन के अधिकारी और ट्रैवल एजेंट का भी यही कहना है कि दोनों देशों के बीच आवागमन तेजी से बढ़ रहा है। परिस्थितियां समान्य हो रही हैं।
दरअसल इस मामले पर नीरज अग्रवाल जोकि दुबई में भारत के महावाणिज्य दूतावास में प्रेस, सूचना और संस्कृति के अधिकारी है उनका कहना है कि भारत में यूएई के निवासियों को अब आसानी से वापसी की मंजूरी मिल रही है। अन्य यात्री जैसे विजिट वीजा धारक भी बिना किसी मुद्दे के साथ उड़ान भर रहे हैं। उन्हें भी भारत से यूएई की यात्रा करने में कोई परेशानी नहीं हो रही है।
नीरज अग्रवाल ने बताया कि “पिछले दो से तीन सप्ताह में हमने जो देखा है, वह यह है कि भारत से यूएई के लिए यात्रियों की लगातार लंबी कतार है। लगातार फ्लाइट्स की टिकट बुकिंग हो रही है। उन्होंने कहा चूंकि भारत और यूएई के बीच एक विशेष हवाई बुलबुले का गठन किया गया था, जिसके तहत 70,000 से 80,000 भारतीय निवासी पहले ही देश लौट चुके हैं।
उन्होंने कहा कि जहां एक ओर यूएई में भारतीयों की यात्रा का विस्तार हो रहा है, तो वहीं आज भी भारत में घरेलू उड़ाने, सिमित है। आंकड़ों के आधार पर बात करें तो भारत में घरेलू उड़ानों से ज्यादा अंतराष्ट्रीय उड़ानों की बुकिंग हो रही है।
उन्होंने बताया कि 8,000 से 9,000 सीटें भारतीय और यूएई दोनों वाहकों में प्रतिदिन उपलब्ध हैं, “लगभग हर दिन 3,000 यात्री भारत की यात्रा कर रहे हैं”। हाल ही में, भारतीय मिशनों ने घोषणा की है कि जो यात्री घर से उड़ान भरना चाहते हैं, उन्हें अब अपनी वेबसाइटों पर पंजीकरण नहीं कराना होगा। वह बिना पंजीकरण के भी अपनी टिकट बुकिंग सीधे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं।
दरअसल पंजीकरण की आवश्यकता को दूर करने से एक्सपट्र्स के लिए छोटी आपातकालीन यात्राओं के लिए भारत जाना आसान हो गया है। हालांकि, संभावित यात्री यह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि क्या भारत उनकी यात्रा की योजना बनाने से पहले अपने कठोर क्वारंटाइन मानदंडों में कोई बदलाव करता है या नहीं।GulfHindi.com