संयुक्त अरब अमीरात में काम कर रहे हैं अलग-अलग देशों से कामगारों मैं से 15 कामगारों को 25000 दिरहम प्रती कामगार उनके बच्चों के पढ़ाई के लिए दिए गए. जैसे ही पैसे उन कामगारों को दिए गए वह भावुक हो कर मौके पर रोने लगे.
संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी Etisalat चार लेबर कैंप से कामगारों को लेकर एक साइट पर गई और वहां पर यह तोहफा उन्हें दिया और कहा कि आप कामगारों की वजह से कंपनी आज यहां पहुंची है और हम चाहते हैं कि आपके बच्चे भविष्य में पहुंचे उसके लिए यह रकम दी जा रही हैं.
इन कामगारों में से मुख्य रूप से भारत पाकिस्तान बांग्लादेश और अन्य राष्ट्र के श्रमिक रहे हैं. संयुक्त अरब अमीरात का मानना है कि संयुक्त अरब अमीरात आज जो भी है वह प्रवासी कामगारों के बदौलत ही हैं जो कई रूप में संयुक्त अरब अमीरात को रोज प्रतिदिन सेवाएं देते हैं.
संयुक्त अरब अमीरात के बुर्ज खलीफा से लेकर वहां के सड़कों के निर्माण तक हर जगह कामगारों का ही श्रेय जाता है.