सोशल मीडिया के इस दौर में जहां लोग हर चीज़ को बिना सोचे-समझे ऑनलाइन पोस्ट कर देते हैं, वहीं UAE में प्राइवेसी को कानून के तहत बेहद सख्ती से सुरक्षित रखा जाता है। इसी का बड़ा उदाहरण अबू धाबी की एक अदालत में हाल ही में देखने को मिला, जहां एक व्यक्ति को महिला की तस्वीरें और वीडियो बिना अनुमति सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए Dh20,000 मुआवज़ा देने का आदेश दिया गया।
बिना इजाज़त फोटो और वीडियो पोस्ट करना बना अपराध
महिला ने कोर्ट में शिकायत करते हुए बताया कि आरोपी ने उसकी बिना अनुमति तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए, जिससे उसकी इज़्ज़त, मानसिक शांति और प्रतिष्ठा को गहरा नुकसान पहुँचा।
मामले की सुनवाई के बाद Abu Dhabi Family, Civil and Administrative Claims Court ने 16 अक्टूबर 2025 को अपना फैसला सुनाया और इसे प्राइवेसी उल्लंघन का गंभीर मामला माना।

क्रिमिनल कोर्ट पहले ही दे चुकी थी सज़ा
इससे पहले आरोपी के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हुआ था, जिसमें Abu Dhabi Criminal Court ने उसे दोषी पाया।
अपील कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा, और आगे कोई चुनौती न होने पर फैसला फाइनल हो गया।
UAE में ऑनलाइन प्राइवेसी उल्लंघन है बड़ा साइबर क्राइम
इस केस ने एक बार फिर साफ कर दिया कि UAE में:
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बिना अनुमति फोटो, वीडियो, स्क्रीनशॉट, मैसेज या पर्सनल डेटा शेयर करना अपराध है
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दोष साबित होने पर Dh500,000 जुर्माना, जेल और विदेशियों के लिए डिपोर्टेशन तक संभव
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पहचान दिख जाए, तो नाम छिपाने पर भी केस बन सकता है
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सच बोलकर भी अगर इज़्ज़त को नुकसान पहुँचता है, तो वह defamation माना जाएगा




