सरकार UPI और RuPay डेबिट कार्ड लेन-देन पर फिर से मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) लगाने पर विचार कर रही है। यह शुल्क व्यापारियों को बैंक को देना होगा, जिससे पेमेंट प्रोसेसिंग की लागत निकाली जाएगी। अभी तक UPI और RuPay डेबिट कार्ड से होने वाले लेन-देन पर कोई MDR नहीं लिया जाता था ताकि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जा सके।
क्या बदलेगा इस नए प्रस्ताव से?
- ₹40 लाख से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों से MDR लिया जाएगा।
- छोटे व्यापारियों (₹40 लाख से कम टर्नओवर) के लिए UPI अब भी मुफ्त रहेगा।
- सरकार टियर-बेस्ड चार्जिंग लागू कर सकती है, यानी बड़े व्यापारियों से ज्यादा और छोटे व्यापारियों से कम शुल्क लिया जाएगा।
- सरकार का कहना है कि जब बड़े व्यापारी पहले से वीज़ा/मास्टरकार्ड डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर MDR भरते हैं, तो वे UPI और RuPay कार्ड पर भी शुल्क देने में सक्षम हैं।

सरकार यह बदलाव क्यों कर रही है?
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सरकारी सब्सिडी अब मुमकिन नहीं
- सरकार अभी तक बैंकों और फिनटेक कंपनियों को सब्सिडी देकर UPI को मुफ्त बनाए हुए थी।
- इस साल के बजट में यह सब्सिडी ₹3,500 करोड़ से घटाकर ₹437 करोड़ कर दी गई।
- बैंक और फिनटेक कंपनियों को अभी भी पिछले साल की सब्सिडी का भुगतान नहीं मिला है।
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UPI लेन-देन बहुत ज्यादा बढ़ गया है
- फरवरी 2025 में ही 16 अरब से ज्यादा ट्रांजैक्शन हुए, जिनकी कुल वैल्यू ₹22 लाख करोड़ थी।
- बैंक और पेमेंट कंपनियों को कोई सीधा कमाई का जरिया नहीं मिल रहा, जिससे उनके लिए इसे मुफ्त में जारी रखना मुश्किल हो गया है।
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पेमेंट कंपनियों का बिजनेस मॉडल खतरे में
- RBI के PA-Online नियमों के तहत बैंकों और पेमेंट कंपनियों के लिए रेगुलेटरी कंप्लायंस की लागत काफी बढ़ गई है।
- बिना MDR के ये कंपनियां घाटे में जा रही हैं, जिससे उनका बिजनेस अस्थिर हो सकता है।
इस फैसले का असर क्या होगा?
| प्रभावित पक्ष | क्या बदलाव आएगा? |
|---|---|
| छोटे व्यापारी (< ₹40 लाख टर्नओवर) | कोई असर नहीं, UPI पहले की तरह मुफ्त रहेगा। |
| बड़े व्यापारी (> ₹40 लाख टर्नओवर) | अब उन्हें UPI और RuPay डेबिट कार्ड पर MDR देना होगा। |
| ग्राहक (कस्टमर) | सीधा असर नहीं, लेकिन व्यापारी दाम बढ़ा सकते हैं। |
| बैंक और फिनटेक कंपनियां | उन्हें पेमेंट प्रोसेसिंग से कमाई होगी। |
| डिजिटल पेमेंट का भविष्य | हो सकता है कि कुछ व्यापारी UPI को कम इस्तेमाल करें। |





