भारत में डिजिटल पेमेंट्स की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने अपनी नीतियों में कुछ अहम बदलाव किए हैं। रुपे डेबिट कार्ड और BHIM-UPI जैसे प्लेटफॉर्म्स को और ज्यादा बढ़ावा देने की दिशा में मंत्रालय के कदम का बड़ा महत्व है।
वित्त मंत्रालय का बजट और योजना
- बजट में बढ़ोतरी: 2023-24 के लिए वित्त मंत्रालय ने लगभग 5016 करोड़ रुपये का बजट तय किया है, जो पिछले साल के 2600 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।
- उद्देश्य: इस बजट का इस्तेमाल मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) दरों में डिस्काउंट प्रदान करने के लिए किया जाएगा।
रुपे और BHIM-UPI को प्रोत्साहन
- इंसेंटिव स्कीम: रुपे कार्ड्स और BHIM-UPI के माध्यम से होने वाले कम मूल्य के ट्रांजेक्शन पर इंसेंटिव दिए जाएंगे।
- पीओएस और ई-कॉमर्स ट्रांजेक्शन: रुपे कार्ड के जरिए पीओएस और ई-कॉमर्स पर होने वाले ट्रांजेक्शन पर मर्चेंट्स को 0.4% इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा।
- इंडस्ट्री प्रोग्राम: रुपे कार्ड के इस्तेमाल पर विभिन्न उद्योगों में प्रति ट्रांजेक्शन 0.15% इंसेंटिव दिया जाएगा।
BHIM-UPI का विस्तार
- P2M पेमेंट्स: 2000 रुपये तक के BHIM-UPI ट्रांजेक्शन पर बैंकों को 0.25% इंसेंटिव मिलेगा।
- यूपीआई लाइट और यूपीआई लाइटएक्स: ये फीचर्स उपयोगकर्ताओं को बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी के भी लेनदेन की सुविधा देते हैं।
डिजिटल पेमेंट्स में वृद्धि और चुनौतियां
- वृद्धि: 2022-23 में यूपीआई ट्रांजेक्शन में 82% की वृद्धि देखी गई है।
- चुनौतियां: रुपे कार्ड के ट्रांजेक्शन में वॉल्यूम और वैल्यू में कमी आई है, जिसके कारण नीति में बदलाव किया गया है।
आगे की दिशा
वित्त मंत्रालय की यह योजना डिजिटल पेमेंट्स को और अधिक बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल डिजिटल पेमेंट्स में वृद्धि होगी, बल्कि नए प्लेयर्स को भी इस क्षेत्र में प्रवेश करने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही भारत का डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम और मजबूत होगा, जो देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।