Vande Bullet Train. भारतीय रेलवे ने Integral Coach Factory (ICF) को इस वित्तीय वर्ष के भीतर दो standard-gauge बुलेट ट्रेन को देश में उत्पादन का कार्य सौंपा है। यह निर्णय जापानी suppliers के साथ मूल्य निर्धारण संबंधी मतभेदों के चलते लिया गया है।
पहली बार 250 kmph की रफ्तार वाली ट्रेन का निर्माण
ET रिपोर्ट के अनुसार, ट्वेश मिश्रा ने बताया कि भारत पहली बार 250 kilometer per hour (kmph) की अधिकतम गति वाली ट्रेन का निर्माण करेगा। यह कदम रेलवे की ‘Make in India’ अभियान को और सशक्त बनाने के लिए उठाया गया है।
मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर
इन दो ट्रेनों को Rs 1.08 लाख करोड़ की लागत वाले मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर पर संचालित किया जाएगा। संभावना है कि यह ट्रेनें Vande Bharat platform पर आधारित होंगी, जिससे ICF को ट्रेन सेट बनाने में समय बचाने में मदद मिलेगी। हालांकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस वित्तीय वर्ष के भीतर ट्रेनें सप्लाई करना एक चुनौती भरा कार्य होगा।
सीनियर अधिकारी का बयान
एक सीनियर अधिकारी ने बताया, “ICF, चेन्नई को आठ कारों वाले दो standard-gauge ट्रेन सेट बनाने और deliever करने का कार्य सौंपा गया है, जिसमें प्रत्येक ट्रेन का स्टील कार बॉडी होगा और यह 220 kmph की रनिंग स्पीड और 250 kmph की अधिकतम गति से चल सकेगी।” अधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि ट्रेनों का ऑर्डर इस सप्ताह की शुरुआत में दिया गया था।
जापानी सप्लायर्स के साथ असहमति
ICF के इस काम को सौंपे जाने की मुख्य वजह जापानी रोलिंग स्टॉक सप्लायर्स, Hitachi और Kawasaki के साथ चल रही लंबी चर्चाएं हैं, जो अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकाल पाईं। 2018 में 10-कोच वाली बुलेट ट्रेन की कीमत Rs 389 करोड़ मानी गई थी, जो 2023 में Rs 460 करोड़ प्रति ट्रेन सेट हो गई है। भारतीय रेलवे जापानी consortium द्वारा पेश की गई ‘Shinkansen’ ट्रेन सेट की कीमत से संतुष्ट नहीं है।
भूमि अधिग्रहण में देरी
मूल रूप से 2022 में पूरा होने वाले इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण चुनौतियों के चलते काफी देरी हो चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ICF इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को पूरा करने के लिए काफी मेहनत करेगा।
सुधांशु मणि की राय
पहले वंदे भारत ट्रेनों की पहली variant को विकसित करने वाले सेवानिवृत्त भारतीय रेलवे अधिकारी, सुधांशु मणि ने बताया कि वंदे भारत ट्रेनों की मौजूदा अधिकतम गति केवल 180 kmph है। उन्होंने कहा, “इस बुलेट ट्रेन के निर्माण और आपूर्ति के लक्ष्य को ICF तीन से चार साल में पूरा कर सकता है।”