इसराइल हमास के बीच चल रहे हैं युद्ध पर विराम लगने की उम्मीद अब ख़त्म हो चुकी है, इसराइल के नेता के ताजा बयान के अनुसार उन्होंने कहा है कि ग़ज़ा में युद्ध विराम नहीं होगा जितने तक जारी रखेंगे जंग, इस बयान से या साफ होता है कि इजराइल का इरादा साफ है, लेकिन इसका सबसे बड़ा कच्चे तेल के कीमतों पर पड़ने वाला है, आईए जानते हैं विश्व बैंक द्वारा जारी ताज़ा जानकारी
विश्व बैंक की चेतावनी: मध्य पूर्व संघर्ष और तेल की कीमतें
विश्व बैंक ने हाल ही में एक चेतावनी जारी की है कि इज़रायल और हमास के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण मिडिल ईस्ट में तेल की कीमतें 150 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो सकती हैं। इस बढ़ोतरी का कारण 1973 के अरब तेल बहिष्कार की तुलना में एक बड़ा व्यवधान हो सकता है।
आर्थिक जोखिम और प्रभाव
विश्व बैंक के अनुसार, यह संघर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था पर एक विघटनकारी प्रभाव डाल सकता है। इसके परिणामस्वरूप, तेल की कीमतें 90 डॉलर से बढ़कर 140 और 157 डॉलर के बीच हो सकती हैं, जो कि 2008 के 147 डॉलर प्रति बैरल के पिछले रिकॉर्ड से भी अधिक है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंदरमिट गिल के अनुसार, यह संघर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए एक दोहरे ऊर्जा झटके का कारण बन सकता है। इसके अलावा, उच्च खाद्य कीमतों के कारण भुखमरी की समस्या भी बढ़ सकती है।
तेल की कीमतों पर प्रभाव
विश्व बैंक के नवीनतम कमोडिटी बाजार दृष्टिकोण के अनुसार, इजरायल-हमास युद्ध का अब तक तेल की कीमतों पर बहुत कम प्रभाव पड़ा है, लेकिन अगर संघर्ष बढ़ता है, तो कमोडिटी की कीमतें तेजी से बढ़ सकती हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी तालिका
विशेषता | विवरण |
---|---|
संघर्ष का क्षेत्र | मिडिल ईस्ट |
संभावित तेल कीमतें | 150 डॉलर प्रति बैरल से अधिक |
पिछला रिकॉर्ड | 2008 में 147 डॉलर प्रति बैरल |
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव | विघटनकारी |
सामान्य प्रश्न (FAQs)
- तेल की कीमतें क्यों बढ़ सकती हैं?
- इज़रायल और हमास के बीच बढ़ते संघर्ष के कारण।
- विश्व बैंक ने क्या चेतावनी दी है?
- तेल की कीमतें 150 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो सकती हैं।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
- विघटनकारी प्रभाव और भुखमरी की समस्या।
- 1973 के अरब तेल बहिष्कार से यह कैसे अलग है?
- यह एक बड़ा व्यवधान हो सकता है जो तेल की कीमतों को और अधिक बढ़ा सकता है।