राजधानी के जैसे सोने की व्यवस्था होगी वन्दे भारत एक्सप्रेस में।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के डिजाइन मार्च तक तैयार हो जाएगी। इसकी अधिकतम रफ्तार 240 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। मौजूदा वंदे भारत एक्सप्रेस (सीट) से स्लीपर वंदे भारत पूरी तरह से अलग होगी। नई तकनीकी ट्रेन की बोगी, कोच, इंटीरियर डिजाइन आदि में पूरी तरह से बदलाव किया जाएगा। स्लीपर ट्रेन का आरामदायक स्तर राजधानी एक्सप्रेस से काफी बेहतर होगा।
शुरू होगा नया कोच लगाना
वंदे स्लीपर ट्रेन की औसत रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस की अपेक्षाकृत 30-40 प्रतिशत अधिक होगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को उपरोक्त बात पुरी-हावड़ा के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत में सफर के दौरान ‘मीडिया’ से विशेष बातचीत में कही। उन्होंने कहा रेलवे कई मोर्चों पर एक साथ काम कर रहा है।
नया सीट की व्यवस्था होगी सबसे अलग
वंदे भारत एक्सप्रेस (सीट) की सफलता व लोकप्रियता के बाद रेलवे वंदे स्लीपर एक्सप्रेस की डिजाइन पर आईसीएफ, चेन्नई में तेजी से काम कर रहा है। आगामी मार्च तक डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। रेल मंत्री ने कहा कि नई डिजाइन की वंदे स्लीपर का ट्रायल 12-13 माह तक किया जाएगा, क्योंकि स्लीपर वर्जन होने के कारण वंदे भारत ट्रेन की सेंटर ऑफ ग्रेविटी पूरी तरह से बदल जाती है। इसलिए स्लीपर ट्रेन की बोगी, कोच के लेआउट डिजाइनइंजीनियरिंग, कोच के इंटीरियर डिजाइन में 40-50 फीसदी तक बदलाव किया जाएगा।
दिल्ली देहरादून वन्दे भारत एक्सप्रेस
दिल्ली-देहरादून के बीच 25 मई से परिचालन रेल मंत्री ने बताया कि आगामी 25 मई से दिल्ली-देहरादून के बीच वंदे भारत का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। गुवाहाटी व गोवा के लिए वंदे भारत का ट्रायल चल रहा है।