एक नजर पूरी खबर

  • कुवैत में जमानत पर रिहा हुए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी
  • सोशल मीडिया के जरिए फैलाते थे जाल
  • 2,000 से 20,000 दीनार तक की जमानत पर किया रिहा

कुवैत के अभियोजकों ने संदिग्ध मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक खातों में सेंधमारी लगाने वाले आठ आरोपियों को आज जमानत पर रिहा कर दिया है। बता दे ये सभी आरोपी सोशल मीडिया पर लोगों को तलाश कर अपना शिकार बनाते है और फिर उनके बैंक अकाउंट में सेधमारी का काम करते हैं। इस बात का खुलासा अल राय अखबार ने अपनी रिपोर्ट में किया है।

 

बता दे इसमें आठ को 2,000 से 20,000 दीनार तक की जमानत देने का आदेश देते हुए रिहा किया गया है।

वहीं बात आरोपियों कि करें तो जांच के दौरान, उन्होंने बिना लाइसेंस वाले विज्ञापन और प्रचार से कमाई के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने के आरोपों से इनकार किया था। ये लोग सोशल मीडिया के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाकर उनके अकाउंट को अपने खाते से जोड़ लेते थे। ऐसे में यह लोग अलग-अलग तरह से लोगों के साथ फर्जीवाडा किया करते थे। वाणिज्यिक रिकॉर्ड के लिए पंजीकरण में विफलता और बिना लाइसेंस वाले उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून का उल्लंघन करना इन सभी मामलों में ये आरोपी दोषी पाए गए थे।

रिहाी के तहत सार्वजनिक अभियोजन ने दाना अल तुवरिश को 10,000 दीनार की जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। वहीं 3,000 दीनार पर हेलेमा बाउलैंड, 2,000 पर फराह अल हादी, नोआ नबील 10,000, और अब्राहिम खलील 1,000 दीनार पर रिहा करने का फैसला किया है।

बता दे जुलाई में, कुवैती सेंट्रल बैंक ने सार्वजनिक अभियोजन के आदेशों पर 10 सोशल मीडिया प्रभावितों के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया, जबकि आंतरिक मंत्रालय ने आरोपियों के नाम भूमि सीमा और हवाईअड्डा सीमा शुल्क को यह सुनिश्चित करने के लिए भेजा कि वे भागने का प्रयास न करें। तब से यह लोग इस मामले में देश में ही पुलिस निगरानी में थे, जिन्हें आज रिहा कर दिया गया है।

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

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