चीन द्वारा विकसित नए AI मॉडल डीपसीक (Deepseek) ने वैश्विक बाजारों में सोमवार को तहलका मचा दिया। इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिकी स्टॉक मार्केट पर देखने को मिला, जहां नैस्डैक 3.24% और एसएंडपी500 1.80% की गिरावट के साथ बंद हुए। इसके अलावा, डाउ जोंस इंडेक्स भी 0.08% की मामूली गिरावट के साथ 34.13 अंक नीचे आ गया। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असर मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है।
चीन के बाजारों में रही तेजी, जबकि एशिया के अन्य बाजारों में गिरावट
चीन के शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी देखी गई। हांगकांग का हैंगसैंग इंडेक्स 0.65% की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 0.06% की मामूली गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, भारत और एशिया के अन्य प्रमुख बाजारों में भारी गिरावट देखी गई।
भारतीय बाजार में भी दर्ज हुई भारी गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को भी भारी गिरावट देखी गई। इस गिरावट के कारण देश की शीर्ष 10 कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 94,409 करोड़ रुपये तक कम हो गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 824.29 अंक (1.08%) की गिरावट के साथ 75,366.17 अंकों पर बंद हुआ। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 263.05 अंक (1.14%) की गिरावट के साथ 22,829.15 अंकों पर बंद हुआ।
डीपसीक ने AI की दौड़ में मचाया तहलका
चीन का नया AI मॉडल डीपसीक (Deepseek) ने ऐपल के ऐप स्टोर पर पहला स्थान हासिल करके AI की दौड़ में नई बहस छेड़ दी है। इस मॉडल ने ओपनएआई के ChatGPT जैसे प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। डीपसीक की कम लागत, कोडिंग और गणित जैसे जटिल कार्यों को हल करने की क्षमता के कारण इसे काफी सराहा जा रहा है। यह एक फ्री और ओपन-सोर्स AI मॉडल है, जिसने AI टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत को रेखांकित किया है।
विश्लेषकों का मानना है कि डीपसीक की सफलता ने न केवल तकनीकी क्षेत्र में बल्कि वैश्विक बाजारों में भी नई चुनौतियां पैदा की हैं, जिसका असर आने वाले दिनों में और स्पष्ट हो सकता है।