केंद्र सरकार ने कच्चे सोयाबीन तेल का शुल्क दर कोटा (टीआरक्यू) के तहत आयात इस साल एक अप्रैल से बंद करने का फैसला किया है। टीआरक्यू भारत में निश्चित या शून्य शुल्क पर आने वाले आयात की मात्रा का कोटा होता है। कोटा पूरा होने के बाद अतिरिक्त आयात पर सामान्य शुल्क दर लागू होती है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बयान में कहा, ”टीआरक्यू के अंतर्गत कच्चे सोयाबीन तेल के आयात की अंतिम तिथि संशोधित कर 31 मार्च, 2023 तक दी गई है। इसके बाद 2023-24 के लिए कच्चे सोयाबीन तेल के आयात पर टीआरक्यू नहीं मिलेगा।”
सरकार ने इससे पहले कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल की घरेलू कीमतें नियंत्रित करने के लिए इनके 20-20 लाख टन सालाना आयात पर सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना उपकर की छूट प्रदान की थी।
क्या होगा लोगो पर असर
लोगों पर असर के स्वरूप सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल की कीमतें मार्च के बाद से और बढ़ी हुई लिख सकती हैं. अभी जो आयात किया जा रहा है उसमें किसी प्रकार का सरकारी शुल्क नहीं दिया जा रहा है वही कोटा खत्म होने के बाद से सरकारी शुल्क दोबारा से लागू कर दिया जाएगा जिसके फलस्वरूप आयात महंगा होगा और ग्राहकों को ज्यादा मूल्य चुकाना होगा.