सरकार ने त्योहारों एवं बढ़ते महंगाई को देखते हुए लिया फ़ैसला
भारत सरकार ने लगातार बढ़ रही महंगाई एवं त्योहार सीजन में बढ़ते खाद्य पदार्थों के डिमांड को देखते हुए महंगाई को कंट्रोल करने के व्यवस्था में जुट गया है। ज्ञात हो की त्यौहार सीजन में सबसे अधिक मांग चीनी की बढ़ जाती है, क्योंकि इस सीजन में सबसे अधिक मिठाइयों का उपयोग किया जाता है एवं घरों में भी लोग अलग-अलग मिठाई बनाते हैं जिसमें अत्यधिक चीनी की खपत होती है इसको देखते हुए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।
त्योहारों के मौसम में महंगाई का मुकाबला
देशभर में त्योहारी माहौल में खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाये हैं। खासकर, चीनी और दालों की कीमतों पर कंट्रोल के लिए विशेष उपाय किए गए हैं।
ऐसे होगा चीनी के महंगाई पर कंट्रोल
चीनी पर प्रतिबंध की वृद्धि दशहरा और दिवाली के पर्व पर चीनी की मांग में वृद्धि को देखते हुए, सरकार ने चीनी पर निर्यात प्रतिबंध को अगले आदेश तक बढ़ा दिया है। इससे घरेलू मार्केट में चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे कीमतों में वृद्धि को रोका जा सकेगा।
दाल की कीमतों में उछाल
विगत वर्ष के मुकाबले दालों की कीमतों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें अरहर और मसूर दाल की कीमतें काफी अधिक हैं। इस वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए, सरकार ने अरहर दाल पर आयात शुल्क को समाप्त कर दिया है।
खपत एवं कम उपज के वजह से हुआ आयात में वृद्धि
इस वर्ष अप्रैल से जुलाई तक 1.72 लाख टन अरहर का आयात किया गया, जो पिछले साल की तुलना में कहीं अधिक है।
महत्वपूर्ण सूचना
पदार्थ | वर्तमान कीमत | पिछले साल की कीमत |
---|---|---|
अरहर दाल | ₹180-200 | ₹124 |
मसूर दाल | ₹90 | ₹80 |
चीनी | नियंत्रित | वृद्धि |
सामान्य प्रश्न:
- क्या चीनी पर लगे प्रतिबंध का उद्देश्य क्या है?
- चीनी पर लगे प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य घरेलू मार्केट में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना और कीमतों को नियंत्रित करना है।
- दालों की कीमतें क्यों बढ़ी हैं?
- वैश्विक मार्केट में मांग और आपूर्ति के असंतुलन, मौसमी प्रभाव, और उत्पादन में गिरावट के कारण दालों की कीमतें बढ़ी हैं।
- आयात शुल्क कम करने से क्या होगा?
- आयात शुल्क कम करने से देश में दालों की आपूर्ति में वृद्धि होगी, जिससे कीमतों पर नियंत्रण रहेगा।
त्योहारी सीजन में खर्चे कम करने के लिए आम लोगों को सतर्क रहने और बजट के अनुसार ही खरीदारी करने की सलाह दी जाती है। सरकार ने भी अपील की है कि अत्यधिक मांग के कारण होने वाले कीमतों के उछाल को कम करने के लिए उपभोक्ताओं को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।