आयकर विभाग ने ‘जांच’ के दायरे में लिए जाने वाले मामलों के बारे में दिशानर्देश जारी किए हैं. इसके तहत ऐसे आयकरदाता जिन्होंने विभाग द्वारा भेजे गए नटिस का जवाब नहीं दिया है, उनके मामलों की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी.
30 June तक भेजना होगा नोटिस
विभाग उन मामलों की जांच भी करेगा जहां किसी कानून प्रवर्तन एजेंसी या नियामकीय प्राधिकरण द्वारा कर अपवंचना से संबंधित विशिष्ट जानकारी उपलब्ध कराई गई है. दिशानर्देशों के अनुसार, कर अधिकारियों को आय में विसंगतियों के बारे में आयकरदाताओं को 30 जून तक आयकर अधिनयम की धारा 143 (2) के तहत नटिस भेजना होगा.
जवाब देना हुआ अनिवार्य
इसके बाद आयकरदाता को इस बारे में संबंधित दस्तावेज पेश करने होंगे. इसने कहा कि जहां अधिनयम की धारा 142 (1) के तहत नोटिस के जवाब में कोई रिटर्न नहीं दिया गया है, ऐसे मामले को नेशनल फेसलेस असेसमेंट सेंटर (एनएएफएसी) को भेजा जाएगा, जो आगे की कार्रवाई करेगा. धारा 142 (1) देती है अिधकार धारा 142 (1) कर अधिकारियों को रिटर्न दाखिल किए जाने की स्थिति में एक निटस जारी कर और स्पष्टीकरण या जानकारी मांगने का अधिकार देती है.
माँग सकते हैं रियायत
जिन मामलों में रिटर्न दाखिल नहीं किया गया है, तो उन्हें निर्धारित तरीके से आवश्यक जानकारी पेश करने को कहा जाता है. आयकर विभाग ऐसे मामलों की एकीकृत सूची जारी करेगा जिनमें सक्षम प्राधिकरण द्वारा छूट को रद्द या वापस किए जाने के बावजूद आयकरदाता आयकर रियायत या कटौती की मांग करता है. दिशानर्देशों में कहा गया है कि अधिनियम की धारा 143 (2) के तहत आयकरदाताओं को एनएएफएसी के माध्यम से निौटस दिया जाएगा.