WhatsApp और OTT के लिए लेना होगा लाइसेन्स
Whatsapp india gov new regulation: इंटरनेट मीडिया से लेकर ओटीटी प्लेटफार्म्स तक पर पहरा बढ़ाने और कारोबारी सुगमता के मकसद से सरकार ने नया टेलीकम्युनिकेशन बिल – 2022 का मसौदा गुरुवार को जारी किया। प्रस्तावित नए कानून के तहत वाट्सएप, टेलीग्राम जैसे एप के साथ सभी ओटीटी को अपनी सेवा देने के लिए लाइसेंस लेना होगा। इस प्रकार की सभी सेवाओं को टेलीकाम सेवा के दायरे में लाया जाएगा। अभी वाट्सएप से लोग वायस कालिंग से लेकर चैट तक कर रहे हैं, जिससे दूरसंचार कंपनियों को नुकसान हो रहा है।
OTT को भी लेना होगा लाइसेन्स
नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी प्लेटफार्म भी टेलीकाम इन्फ्रास्ट्रक्चर का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। दूरसंचार कंपनियों को समान अवसर देने के लिए लाइसेंसिंग का प्रविधान लाया जा रहा है। लाइसेंस को वापस करने का भी प्रविधान होगा। स्पेक्ट्रम वितरण में और लचीलापन लाया जाएगा, ताकि कोई भी इसका इस्तेमाल कर सके |
पुराना क़ानून होगा समाप्त
इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885, इंडियन किया है। मसौदे पर 20 अक्टूबर तक सभी हितधारकों से राय मांगी गई है। वायरलेस टेलीग्राफ एक्ट 1933 के साथ दि टेलीग्राफ वायर्स एक्ट 1950 को समाप्त करके सरकार ने प्रस्तावित कानून का मसौदा तैयार मसौदे में उपभोक्ताओं के कर्तव्यों का भी जिक्र किया गया है। उपभोक्ताओं से कहा गया है कि वे मितव्ययी तरीके से इंटरनेट का इस्तेमाल करें और किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले काम न करें।
नए कानून की खास बातें
बिना इजाजत उपभोक्ताओं को स्पैम या विज्ञापन वाले मैसेज नहीं भेजे जा सकेंगे।
बिना सरकारी इजाजत के जैमर जैसे उपकरण के इस्तेमाल पर जुर्माना वसूला जाएगा।
राष्ट्रहित में सरकार को सभी संचार सेवा को सीमित समय के लिए रोकने का अधिकार होगा।
सार्वजनिक हित में सरकार किसी भी मैसेज या टेक्स्ट को देख सकेगी और उसे ले सकेगी।
केंद्र के साथ राज्य सरकार व सरकारी विभागों को इस प्रकार की कार्रवाई का अधिकार होगा।
सरकार लाइसेंसधारक या पंजीकृत कंपनी का पूरा शुल्क भी माफ कर सकती है।
इसमें एंट्री फीस, लाइसेंस फीस, रजिस्ट्रेशन फीस और अन्य प्रकार का शुल्क व पेनाल्टी शामिल है।