आरोपियों के द्वारा की जा रही है साइबर ठगी
बढ़ती तकनीक के साथ साइबर फ्रॉड की घटनाओं में तेजी देखने को मिली है। आरोपियों के द्वारा ऐसी कई तकनीक का इजाद किया गया है जिसकी मदद से वह आसानी से लोगों को धोका दे रहे हैं। एक बार फिर से इसी तरह की ठगी की जानकारी मिली है जिसे जूस जैकिंग स्कैम (juice jacking scam) कहा जा रहा है।
हो सकता है कि इस संबंध वीडियो आपने सोशल मीडिया पर देखा होगा लेकिन इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए इसकी पूरी जानकारी जरूरी है। आइए जानते हैं कि juice jacking स्कैम क्या है।
मोबाइल का इस्तेमाल बढ़ा है
बढ़ती आबादी के साथ-साथ लोगों में दूरियां बढ़ी है और हरेक इंसान के हाथ में फोन देखा जा सकता है। ऐसे में 24 घंटे मोबाइल का इस्तेमाल उसकी बैटरी क्षमता पर नकारात्मक असर डालता है और उसे तुरंत चार्ज करने की जरूरत होती है। चार्जिंग स्टेशन पर इसी बात का लाभ उठाकर नागरिकों का अकाउंट खाली किया जा रहा है।
पब्लिक पास जैसे कि एयरपोर्ट, होटल, कैफे आदि स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन होते हैं जिसकी मदद से लोग अपने फोन को आसानी से चार्ज कर पाए। लेकिन लोगों को दी जा रही इस सुविधा में आरोपियों ने अपना धंधा ढूंढ लिया है। इन्हीं चार्जिंग स्टेशन की मदद से आरोपी ठगी करते हैं।
कैसे करते हैं ठगी?
इसकी मदद से आरोपी इन चार्जिंग स्टेशनों में हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर इन्स्टॉल कर देते हैं। अब अगर कोई इंसान इन चार्जिंग पोर्ट में प्लग कर इस्तेमाल करता है तो उसकी सारी संवेदनशील जानकारी आरोपी के पास चली जाती है। इस अर्थ से आरोपी लोगों के पैसे निकाल लेते हैं।