कोरोनाकाल में भारी संख्या में प्रवासी कामगार फंस गए है। ऐसे में जहां एक ओर उनकी नौकरी चली गई है, तो वहीं दूसरी और उनके वीजा की तारीख भी खत्म हो गई है। लगातार वतन वापसी की राह ताक रहे प्रवासी कामगार टिकट बुकिंग की जुगत में जुटे है। वहीं उन्हें यह डर भी सता रहा है कि कहीं उन्हें वीजा खत्म होने के चलते भारी जुर्माना ना भरना पड़े।
- कुवैत से बाहर फंसे कामगारों के लिए सरकारी फरमान
ऐसे में प्रवासी कामगारों के लिए अच्छी खबर आई है। इसके मुताबिक कुवैती सिविल सेवा आयोग के बताया है कि जो कर्मचारी लॉकडाउन के दौरान फंस गए है उन्हे अनिवार्य कारण के साथ अनुपस्थित माना जाता है और भुगतान के लायक नहीं है। बता दे इससे पहले पिछले महीने, कुवैत ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए 32 देशों की उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। प्रतिबंधित देशों में से कुछ में कुवैत में बड़े प्रवासी समुदाय भी शामिल हैं।
- सरकार के आदेश के तहत मिलेगा भुगतान
दरअसल कुवैती शिक्षा मंत्रालय के एक प्रश्न के जवाब में, सिविल सेवा आयोग ने कहा कि जो कर्मचारी 12 मार्च से पहले नियमित छुट्टियों पर देश छोड़कर बाहर गए हैं और उड़ान प्रतिबंध के कारण कुवैत लौटने में असमर्थ हैं, वे कुवैती द्वारा घोषित अवकाश के पात्र हैं। उनके इस दौरान वापसी ना कर पाने के कारण उन्हे उनका भुगतान सरकारी आदेश के अनुसार ही किया जायेगा।
आयोग के अनुसार, यदि कर्मचारी यात्रा प्रतिबंधों के कारण कुवैत लौटने में असमर्थ रहते हैं, तो उन्हें अधिकतम 15 दिनों के लिए अवैतनिक अवकाश सहित अपने शेष के आधार पर छुट्टी का अनुरोध करने का अधिकार है। छुट्टी का अनुरोध फोन या किसी अन्य माध्यम से किया जा सकता है।
- विदेश में फंसे कामगारों के लिए जारी की गई भुगतान कैटगरी
आयोग ने कहा, “यदि कर्मचारी किसी भी प्रकार के अवकाश के लिए अप्लाई नहीं करता, तो कर्मचारी को गैरजरूरी बहाने के कारण काम से अनुपस्थित माना जाता है और वेतन के लिए नियम के आधार पर वेतन नहीं मिलेगा।”
बता दे कुवैत ने हाल ही में वायरस से संबंधित प्रतिबंधों में ढील दी है, जिससे सरकारी कर्मचारी काम पर लौट सकते हैं।GulfHindi.com