कुवैत के मंत्रालय के हवाले से एक बड़ी खबर की पुष्टि हो रही है जिसमें कहा गया है कि प्रवासी कामगार या प्रवासी लोग कुवैत से बाहर जाने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन उन्हें केवल जमीन या समुद्री रास्ते ही जाना होगा अर्थात हवाई सेवाओं के जरिए वह यात्रा नहीं कर सकते हैं.
कुवैत के मंत्रालय के इस बयान के बाद यह संकट गहरा गया है कि प्रवासी समुदाय अब कुवैत से बाहर निकलने के लिए उसे हवाई सेवाएं नहीं मिलेंगी. हालांकि इस खबर पर सबसे बड़ी प्रवासी समुदाय भारतीय है और वह सबसे ज्यादा चिंतित हैं. भारत सरकार के द्वारा हालांकि वंदे भारत मिशन चलाए जा रहे हैं लेकिन कुवैत के मंत्रालय के इस बयान के बाद यह देखना यह जानना काफी दिलचस्प होगा कि एयर बबल एग्रीमेंट आगे बढ़ता है या कुवैत के आंतरिक नीतियों के वजह से वह भी अभी ठंडे बस्ते में रहेगा.
आपको बताते चलें कि कुवैत में पहले से ही आगमन पर रोक लगा दिया है और फ्लाइट सेवाओं को आगमन के सूची से हटा दिया था. कुवैत में एक नए निर्णय में प्रवासी शिक्षकों की भर्ती पर भी रोक लगा दिया है और कहा है कि प्रवासी शिक्षक पेशे से जुड़े किसी भी कामगार को अभी कुवैत में अपॉइंटमेंट नहीं दिया जाए और ना ही उनकी किसी भी प्रकार से भर्ती या परमिट जारी की जाए.
कुवैत में भी अन्य देशों के जैसे लगातार कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं और इसी के मद्देनजर पूरे अप्रैल तक कर्फ्यू और नाइट लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है.