नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (NMIA) से गुरुवार को वाणिज्यिक उड़ानों का संचालन शुरू होने के साथ ही मुंबई ने एक नया इतिहास रच दिया है। मुंबई अब भारत का पहला ऐसा महानगर बन गया है, जहां एक साथ दो पूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित हो रहे हैं। अब छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (CSMIA) और नया नवी मुंबई एयरपोर्ट मिलकर देश की आर्थिक राजधानी और आसपास के क्षेत्रों की घरेलू व अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा की जरूरतों को पूरा करेंगे।
पहले ही दिन 4000 से अधिक यात्रियों ने भरी उड़ान, देश के 9 प्रमुख शहरों के लिए शुरू हुई हवाई सेवा
उद्घाटन के दिन हवाई अड्डे पर यात्रियों का उत्साह देखते ही बनता था। पहले दिन यहां से घरेलू गंतव्यों के लिए कुल 48 उड़ानों का सफल संचालन किया गया, जिनके जरिए 4,000 से अधिक यात्रियों ने सफर का आनंद लिया। फिलहाल NMIA से दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई समेत देश के 9 प्रमुख शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू की गई हैं। एयरपोर्ट प्रबंधन की योजना के अनुसार, धीरे-धीरे इस नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा और आने वाले समय में यहां से अंतरराष्ट्रीय सेवाएं भी जोड़ दी जाएंगी, जिससे यात्रियों को दुनिया भर के गंतव्यों के लिए विकल्प मिल सकेंगे।
वॉटर-कैनन सेल्यूट के साथ हुआ पहली फ्लाइट का स्वागत, रिकॉर्ड समय में तैयार हुआ वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर
इस ऐतिहासिक दिन की शुरुआत सुबह 8 बजे हुई, जब रनवे पर इंडिगो की फ्लाइट 6E460 ने पहली आधिकारिक लैंडिंग की। विमानन परंपरा के अनुसार, इस पहली उड़ान का स्वागत भव्य ‘वॉटर-कैनन सेल्यूट’ देकर किया गया। यह हवाई अड्डा अपने निर्माण की गति और गुणवत्ता के लिए भी चर्चा में है। इसका एयरसाइड और टर्मिनल इंफ्रास्ट्रक्चर रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। इसे देश के सबसे आधुनिक, ग्रीन और सस्टेनेबल (पर्यावरण के अनुकूल) हवाई अड्डों में से एक माना जा रहा है, जो यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
CSMIA पर कम होगा यात्रियों का भारी दबाव, नवी मुंबई और पुणे कॉरिडोर के लोगों का बचेगा कीमती समय
इस नए हवाई अड्डे के शुरू होने से मुंबई की हवाई यात्रा की तस्वीर बदलने वाली है। ‘दोहरे अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट मॉडल’ के अस्तित्व में आने से मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) पर भीड़ और स्लॉट का दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा। इससे उड़ानों की संख्या बढ़ सकेगी और फ्लाइट्स में होने वाली देरी (डिले) में कमी आने की उम्मीद है। सबसे बड़ी राहत नवी मुंबई और आसपास के नवी मुंबई–पुणे कॉरिडोर के निवासियों को मिलेगी। अब उन्हें उड़ान पकड़ने के लिए घंटों का सड़क सफर तय करके मुंबई के मुख्य शहर में नहीं जाना होगा, जिससे उनका सफर आसान होगा और कनेक्टिविटी कहीं अधिक बेहतर हो जाएगी।




