बजट 2025 में सरकार ने आम लोगों की जेब में ज्यादा पैसा डालने के लिए टैक्स में कटौती की है। इससे उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम (यानी खर्च करने लायक बचत) बढ़ेगी, जिससे खाने-पीने और अन्य खर्चों में इज़ाफा होने की उम्मीद है। इसका सबसे बड़ा फायदा क्यूएसआर (Quick Service Restaurant) सेक्टर को मिल सकता है, क्योंकि लोग बाहर खाने पर ज्यादा खर्च कर सकते हैं।
लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या क्यूएसआर सेक्टर में अभी निवेश करना सही रहेगा? इस सेक्टर ने पिछले कुछ सालों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, खासकर ज़ोमैटो जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों के बढ़ते प्रभाव के कारण। लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि ब्रोकरेज हाउस इस सेक्टर को लेकर क्या कह रहे हैं।
ब्रोकरेज हाउस क्यूएसआर सेक्टर को लेकर क्या सोच रहे हैं?
1. मैक्वेरी की राय
मैक्वेरी ने दो बड़ी क्यूएसआर कंपनियों पर ‘Outperform’ रेटिंग दी है, जिसका मतलब है कि ये स्टॉक्स आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
| कंपनी का नाम | टारगेट प्राइस (₹) | अभी का प्राइस (₹) | अपसाइड पोटेंशियल |
|---|---|---|---|
| देवयानी इंटरनेशनल | 230 | 175 | 31% |
| सैफायर फूड्स | 390 | 312 | 25% |

2. जेपी मॉर्गन की राय
जेपी मॉर्गन ने भी क्यूएसआर सेक्टर को निवेश के लिए आकर्षक माना है और इन कंपनियों को प्राथमिकता सूची में रखा है:
- वेस्टलाइफ फूडवर्ल्ड (McDonald’s फ्रेंचाइजी)
- देवयानी इंटरनेशनल (KFC, Pizza Hut फ्रेंचाइजी)
- सैफायर फूड्स (Domino’s, Pizza Hut फ्रेंचाइजी)
- जुबिलेंट फूडवर्क्स (Domino’s Pizza का भारत में मालिकाना हक रखने वाली कंपनी)
क्यूएसआर सेक्टर में निवेश का सही समय क्यों हो सकता है?
- बढ़ता उपभोक्ता खर्च – टैक्स में कटौती के कारण लोगों के पास ज्यादा पैसा रहेगा, जिससे वे बाहर खाने पर ज्यादा खर्च कर सकते हैं।
- ग्रामीण मांग में वृद्धि – ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ रही है, जिससे क्यूएसआर ब्रांड्स को नए ग्राहक मिल सकते हैं।
- स्टॉक्स में सुधार के संकेत – क्यूएसआर कंपनियों के स्टॉक्स काफी समय से कमजोर प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन अब वे स्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं।
- बजट 2025 का सपोर्ट – सरकार ने उपभोग बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसका सीधा फायदा इस सेक्टर को मिलेगा।
क्या जोखिम हो सकते हैं?
हालांकि क्यूएसआर सेक्टर में निवेश के अच्छे मौके दिख रहे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं:
- महंगाई का असर – गेहूं, चीनी और अन्य कच्चे माल की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे लागत बढ़ सकती है।
- प्रतिस्पर्धा का दबाव – ज़ोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियों के कारण छोटे रेस्टोरेंट्स को भी ऑनलाइन ऑर्डर मिलने लगे हैं, जिससे क्यूएसआर कंपनियों की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है।
- उच्च वैल्यूएशन – कुछ क्यूएसआर कंपनियों के स्टॉक्स अभी भी महंगे हैं, जिससे निवेशकों को लॉन्ग-टर्म पर्सपेक्टिव से निवेश करना होगा।
| Upside Potential % | Company Name | Latest Avg Score | Reco | Analyst Count | Inst Stake % | Market Cap Type | MarketCap Rs Cr |
|---|---|---|---|---|---|---|---|
| 60% | Jubilant Foodworks | 5 | Buy | 27 | 40.5% | Large | 41,326 |
| 39% | Devyani International | 4 | Buy | 22 | 22.7% | Mid | 19,873 |
| 38% | Westlife Foodworld | 2 | Hold | 21 | 31.9% | Mid | 10,650 |
| 36% | Sapphire Foods India | 5 | Buy | 20 | 68.2% | Mid | 9,972 |




