कृत्रिम बुद्धिमत्ता AI में हमारे जीने और काम करने के तरीके में बहुत बड़े बदलाव लाने की क्षमता है. हालाँकि,AI से जुड़ी न्यूज लगातार आ रही है कि कैसे लोगो के AI से बने आपत्तिजनक वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है . AI डिपफेक टेक्नीक का शिकार सिर्फ आम लोगो ही नही ब्लकि अभिनेत्रियां भी हो रही है इसमे रश्मिका मंदाना , कैटरीना कैफ जैसे बड़े नाम शामिल है. इन सब बातों से हमको यह समझना जरूरी है कि किसी भी शक्तिशाली तकनीक की तरह, AI भी कुछ जोखिमों और खतरों के साथ आता है जिन पर बात करने की आवश्यकता है. यहां एआई से जुड़े कुछ मुख्य जोखिम और खतरे हैं –
1. बेरोजगारी को बढ़ावा : एआई में कई नौकरियों को एक साथ करने की क्षमता है जो आज के समय में मानव द्वारा की जाती हैं. इससे बड़े पैमाने पर नौकरी खत्म हो सकती है और बेरोजगारी बढ़ सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जो दिमाग वाले काम पर बहुत अधिक निर्भर हैं.
2.एकतरफा बयान : एआई केवल उतना ही निष्पक्ष हो सकता हैं जितना कि उसके डेटा को प्रशिक्षित किया जाता है. यदि डेटा में निष्पक्षता का पैटर्न हैं तभी एआई भी पक्षपातपूर्ण और भेदभावपूर्ण होगा. यह समस्या राजनीतिक, शैक्षिक एंव सवेंदनशील मुद्दो पर बहुत ज्यादा असर डालती है क्योकिं ऐसे भेदभाव से भरे बयान दंगो का कारर्ण बन सकते हैं.
3. सुरक्षा का खतरा : एआई सिस्टम साइबर हमलों और हैकिंग के प्रति सेंसेटिव हैं. यदि एआई सिस्टम में छेड़छाड़ की जाती है, तो इससे बहुत सा डेटा लीक हो सकता है, जिससे आम जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
4. कठिन परिणाम : एआई सिस्टम के हल जटिल और समझने में कठिन हो सकते हैं. जिससे आपको इसमें मौजूद कमियां या सिस्टम से हुई गलती की पहचान करना मुश्किल हो जाता है , इसलिए यह कभी – कभी किमती समय खराब करता है.
5. एआई-संचालित मशीनें : एआई-संचालित हथियार मानव जीवन को महत्वपूर्ण नुकसान पहुंचा सकते है, जिसका हाल ही अभी एक केस यूस.एस एयर फोर्स का भी आया जिसमें एआई ने अपने ही ऑपरेटर को मौत के घाट उतार दिया. इसलिए यह तय करना बहुत जरूरी है कि एआई का उपयोग ऐसे हथियार बनाने के लिए किया जाना चाहिए जो मानव को नुकसान न पहुंचा पायें.
हालांकि आपको यह तय करना जरूरी है कि एआई के जोखिमों को कम करने और फायदों को अधिक करने पर ध्यान देने के साथ एक जिम्मेदार और नैतिक तरीके से विकसित और प्रयोद किया जाए. इसके लिए सरकारों, कारोबारियों और जनता के बीच सहयोग की आवश्यकता होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एआई का उपयोग इस तरह से किया जाए जिससे पूरे समाज को लाभ हो.