भारत के सबसे युवा मंत्री रहे और अटल बिहारी वाजपेई के कैबिनेट में मंत्री रहे सैयद शाहनवाज हुसैन के ऊपर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था. साथ ही साथ उस महिला ने यह भी कहा था कि उनका FIR रजिस्टर नहीं किया जा रहा है.
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया था जिसके तहत शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने का निर्देश जारी किया गया था. इस मामले को लेकर शाहनवाज हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था.
सुप्रीम कोर्ट आज भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन के उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें रेप के एक मामले में उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था.
शहनवाज़ के भाई पर हैं असल में मामला
शहनवाज़ हुसैन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने प्रस्तुत किया था कि आरोपों का पूरा ढेर शहनवाज़ हुसैन के भाई के खिलाफ था। उनके अनुसार, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि हुसैन के भाई ने 2013 में शादी के झूठे बहाने से उसके साथ बलात्कार किया था। शिकायत हालांकि 2018 में दर्ज की गई थी। हुसैन के खिलाफ आरोप यह है कि शिकायतकर्ता को अपने भाई के साथ चीजों को सुलझाने के लिए अपने फार्महाउस पर बुलाया था। हालांकि, उसने पीड़िता को कोई ड्रिंक पिला दी जिससे वह बेहोश हो गई और उसके बाद हुसैन ने उसका फायदा उठाया।
शहनवाज़ हुसैन के वकील के द्वारा जारी किया गया पुराना स्टेटमेंट
It’s a grave case of abuse against a public figure not only by complainant but by the counsel- against my client in Delhi, Patna. The petitioner is a public figure in public light for 40 years. It’s her case that she was forcibly married to my brother. Please see my letter which states that I’m not residing with my brother and have no business with his daily life. She was defaming my family members and uploaded false and concocted accusations. I also wrote to the economic offences wing.